ईश् निंदा कभी भी न करें और किसी को भी कभी तीर्थस्थान की यात्रा करने से न रोकें.
Luck is an element we have been all working after it. We wish to be in its superior publications to ensure what ever we could undertake or whatsoever condition could possibly present itself to us, we arrive away from it in traveling colors. In short, most of us want only excellent issues to occur to us and hence, we want a great Kismat!
नौवें भाव में केतु उच्च का और राहु नीच का माना गया है। यदि आपकी कुंडली में यह स्थिति है तो भाग्य पर अशुभ ग्रह स्थित है। हो सकता है कि इस स्थान पर अशुभ या क्रूर ग्रहों की दृष्टि हो या गुरु पर अशुभ ग्रहों की दृष्टि या गुरु शत्रु भाव में बैठा हो तो भाग्य कमजोर होगा और जातक को भाग्य का सहयोग प्राप्त नहीं होगा। अर्थात उसे उसके भाग्य से कुछ भी नहीं मिलेगा।
रोज सुबह स्नान आदि करने के बाद पीपल के पेड़ पर एक लोटा जल चढ़ाएं। पीपल में भगवान विष्णु का वास होता है। रोज ये उपाय करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं। इस पेड़ का महत्व इसी बात से जाना जा सकता है कि अर्जुन को गीता को उपदेश देते हुए भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं को पेड़ों get more info में पीपल बताया था।
किसी दुकान में जाकर किसी भी शुक्रवार को कोई भी एक स्टील का ताला खरीद लीजिए ! लेकिन ताला खरीदते वक्त न तो उस ताले को आप खुद खोलें और न ही दुकानदार को खोलने दें ताले को जांचने के लिए भी न खोलें ! उसी तरह से डिब्बी में बन्द का बन्द ताला दुकान से खरीद लें !
यदि आपका किसी के साथ मुकदमा चल रहा हो और आप उसमें विजय पाना चाहते हैं तो थोडे से चावल लेकर कोर्ट/कचहरी में जांय और उन चावलों को कचहरी में कहीं पर फेंक दें ! जिस कमरे में आपका मुकदमा चल रहा हो उसके बाहर फेंकें तो ज्यादा अच्छा है !
ताम्बे के पात्र में छेद कर के बहते हुए पानी में प्रवाहित करने से भी बुध बलवान होते हैं।
जानिए राशि अनुसार प्रेमियों का स्वभाव
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंडबिहारहरियाणाराजस्थानमहाराष्ट्रगुजरातमध्य प्रदेशझारखंडछत्तीसगढ़दिल्ली एनसीआरपंजाब
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यदि आप शाम को घर आ रहे हैं तो खाली हाथ ना आए अर्थात कुछ न कुछ घर जरूर लगाएं। भले ही एक या दो बिस्किट लेकर आए पर कुछ न कुछ जरूर लाएं
रोज सुबह जब आप उठें तो सबसे पहले दोनों हाथों की हथेलियों को कुछ क्षण देखकर चेहरे पर तीन चार बार फेरे। धर्म ग्रंथों के अनुसार, हथेली के ऊपरी भाग में मां लक्ष्मी, बीच में मां सरस्वती व नीचे के भाग (मणि बंध) में भगवान विष्णु का स्थान होता है। इसलिए रोज सुबह उठते ही अपनी हथेली देखने से भाग्य चमक उठता है। सूर्य की आराधना नियमित करें।
रोज जब भी घर से निकले तो उसके पहले अपने माता-पिता और घर के बड़े बुजुर्गों के पैर छूकर आशीर्वाद लें। ऐसा करने से आपकी कुंडली में स्थित सभी विपरीत ग्रह आपके अनुकूल हो जाएंगे और शुभ फल प्रदान करेंगे। माता-पिता के आशीर्वाद से आप पर आने वाला संकट टल जाएगा और आपके काम बनते चले जाएंगे।